शेख मुजीब के नाम पर फिर प्रहार: ढाका विश्वविद्यालय के बंगबंधु हॉल का नाम उखाड़ कर उस्मान हादी के नाम की पट्टी लगाई !

ढाका (बांग्लादेश), 21 दिसंबर 2025 ! ढाका विश्वविद्यालय ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान हॉल का नाम बदलकर शहीद शरीफ उस्मान हादी हॉल कर दिया है। यह निर्णय हादी की मृत्यु के कुछ दिनों बाद लिया गया। हादी इंक़िलाब मंचो के संयोजक, एक प्रमुख छात्र कार्यकर्ता तथा फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों के लिए संसदीय उम्मीदवार थे। बीडी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 18 दिसंबर 2025 को ढाका में हुए एक हमले में लगी गोली की चोटों के इलाज के दौरान सिंगापुर में उनका निधन हो गया।

शुक्रवार को, ढाका विश्वविद्यालय में छात्रों और हॉल यूनियन के नेताओं ने शेख मुजीबुर रहमान हॉल की मूल नामपट्टिका हटाकर नया नाम शहीद उस्मान हादी हॉल लगाया। बीडी न्यूज़ के अनुसार, उन्होंने हॉल के गेट पर बैनर भी लगाए। शनिवार को, अधिकारियों ने पुराने साइनबोर्ड को हटाया और क्रेन का उपयोग कर हॉल से शेख मुजीबुर रहमान का नाम हटाया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार देर रात इस दौरान ग्रेनाइट के दो टुकड़ों पर भी पेंट कर दिया गया। इस निर्णय के बाद ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच विरोध और चर्चाएँ शुरू हो गई हैं, जिनमें कुछ छात्रों ने फेसबुक समूहों में अपने विचार व्यक्त किए हैं।

‘बंगबंधु’, जिसका अर्थ ‘बंगाल या बंगालियों का मित्र’ होता है, एक सम्मानजनक उपाधि है, जो बांग्लादेश के सँस्थापक पिता और प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान को देश को स्वतंत्रता दिलाने में उनकी निर्णायक भूमिका और बंगाली अधिकारों की वकालत के लिए प्रदान की गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुरुवार रात लगभग 2 बजे, हादी की मृत्यु की खबर फैलने के बाद, हॉल इकाई के उपाध्यक्ष और महासचिव ने हॉल का नाम बदलने वाला पोस्टर लगाया।

शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में मारे गए इंक़िलाब मंचो के संयोजक शरीफ उस्मान हादी के जनाज़े की अंतिम नमाज़ संपन्न होने के साथ ही, संगठन ने शाहबाग़ क्षेत्र की ओर रैली निकाली और देश के गृह मंत्रालय को 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया, जिसमें उस्मान हादी के हत्यारों की गिरफ्तारी में हुई प्रगति पर रिपोर्ट की मांग की गई।

सुबह से ही शोकाकुल लोग समूहों में माणिक मिया एवेन्यू पहुँचे, ताकि हादी को अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें। कुछ लोग राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए थे, जबकि अन्य ने हादी की हत्या के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए।

जनाज़े के बाद, मंचो ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहाँगीर आलम चौधरी तथा गृह मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक खोदा बख्श चौधरी से हादी के हत्यारों की गिरफ्तारी की प्रगति पर रिपोर्ट देने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि प्रतिक्रिया नहीं दी गई तो इसके परिणामस्वरूप उनका इस्तीफ़ा होगा।

हादी की मौत की ख़बर के बाद गुरुवार को ढाका समेत कई जगहों पर भड़की हिंसा में पहली बार मीडिया को बहुत गंभीर क्षति पहुँचाने के मक़सद से निशाना बनाया गया। दो अख़बार प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ़्तरों को आग के हवाले कर दिया गया जबकि उस समय पूरा स्टाफ़ मौजूद थे और उनकी जान किसी तरह से बची।

बांग्लादेश के अख़बार दैनिक ट्रिब्यून के अनुसार, मोहम्मद यूनुस ने कहा, “हादी, आप कभी भुलाए नहीं जाएँगे। कोई भी आपको भूल नहीं पाएगा। पीढ़ियों तक आप हमारे साथ रहेंगे। आज हम यहाँ ये वादा करने आए हैं कि जिस चीज़े के लिए आप खड़े रहे, उसे हम पूरा करेंगे। सिर्फ़ हम नहीं बल्कि बांग्लादेश की जनता ये ज़िम्मेदारी लेगी। ”

प्रोथोम आलो के अनुसार, इंक़िलाब मंचो के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने सरकारी अधिकारियों को अल्टीमेटम जारी किया।
अपने भाषण में अल जाबेर ने दो मांगें रखीं। उन्होंने गृह मामलों के सलाहकार और सहायक सलाहकार से आग्रह किया कि वे पिछले एक सप्ताह में हादी की हत्या के मामलों में हुई प्रगति पर सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करें और चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे के भीतर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो उन्हें इस्तीफ़ा देना होगा। उन्होंने अधिकारियों से यह भी आग्रह किया कि वे कथित तौर पर नागरिक और सैन्य खुफिया एजेंसियों के भीतर छिपे अवामी आतंकवादियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करें, जैसा कि प्रोथोम आलो ने रिपोर्ट किया।

 

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