लेह हिंसा के लिए सोनम वांगचुक गिरफ्तार…. जोधपुर जेल भेजे गये !

लेह (लद्दाख), 27 सितम्बर 2025 ! लेह में 24 सितम्बर को हुई हिंसा के सिलसिले में कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.डी. सिंह जम्वाल ने शनिवार को दी।

लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डी.जी.पी. जम्वाल ने कहा कि पुलिस ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं को पकड़ा है, जिनमें कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “अब तक हमने 44 लोगों को गिरफ्तार किया है…मुख्य सरगनाओं को पकड़ लिया गया है। सोनम वांगचुक, जो मुख्य भूमिका में थे, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत बाहर भेज दिया गया है।”

वांगचुक पर 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप है। सोनम वांग्चुक इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, उनकी सँस्थाओं पर विदेशी फंडिंग के आरोप हैं, जिसके बाद जाँच शुरू हुई। सोनम वांग्चुक का दावा है कि यह आविष्कारों की फीस थी, चंदा नहीं। लेह में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी। गृह मंत्रालय ने सोनम वांग्चुक को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया। सोनम वांग्चुक ने बताया कि भीड़ कह रही थी, “शांति सफल होता नहीं दिख रहा है आपके शांति को हमने बहुत परखा। ये नहीं चल रहा है इस देश में और इस सरकार के साथ अब हम अपने हाथ में उठाने जा रहे हैं। ” विपक्ष ने गिरफ्तारी की निंदा की है। लद्दाख एक सीमावर्ती राज्य है।

इससे पहले, डी.जी.पी. जम्वाल ने कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगाया और उनके पड़ोसी देशों की यात्राओं पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक पाकिस्तानी पी.आई.ओ. (भारतीय मूल का व्यक्ति) को भी गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था।
वे कहते हैं, “उनकी फंडिंग की जाँच विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफ.सी.आर.ए. , Foreign Contribution Regulation Act) का उल्लंघन किये जाने के लिए की जा रही है।”

अधिकारियों ने बताया कि सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है। लद्दाख में कल हुई गिरफ्तारी के बाद उन्हें बीती रात जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया।

वांगचुक की गिरफ्तारी लद्दाख में हालिया विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई अराजकता के दौरान हुई। लेह में 24 सितंबर को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गये , जिसके बाद इलाके में प्रदर्शनकरियों के द्वारा भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गयी ।

विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के दो दिन बाद, केंद्र शासित प्रदेश में वांगचुक को एन.एस.ए. की धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया। इस पर्यावरण कार्यकर्ता पर “हिंसा भड़काने” का आरोप लगाया गया है।

वांगचुक भूख हड़ताल पर थे, जिसे उन्होंने हिंसा शुरू होने के तुरंत बाद  समाप्त घोषित कर दिया।

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