नई दिल्ली,17 सितंबर 2025 ! सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैंगस्टर छोटा राजन की जमानत रद्द कर दी, जो उसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2024 में जया शेट्टी की 2001 की हत्या के मामले में दी थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खंडपीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें छोटा राजन की जमानत रद्द करने की माँग की गयी थी।
राजन, जिसका असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है, को मई 2024 में उक्त हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। बाद में, अपील पर उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी।
2001 में होटल व्यावसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले मे अंडर्वल्ड सरगना छोटा राजन को आजीवन कारावास की सजा मिली थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने निलंबित कर दिया था। CBI ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब फैसला सुनाते हुए उम्रकैद की सजा निलंबित करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को उलट दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश पारित किया। CBI की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कोर्ट को बताया कि छोटा राजन 4 अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया है जिनमें से दो हत्या के मामले हैं, और 27 साल तक फरार रहा है। इसपर जस्टिस मेहता ने टिप्पणी की कि “4 मामलों में दोषसिद्धि और 27 साल तक फरार रहने वाले ऐसे आदमी की सजा निलंबित क्यों की जा रही?”
वहीं छोटा राजन की ओर से पेश हुए वकील ने तर्क दिया कि यह बिना सबूत का मामला था और 71 में से 47 मामलों में, सीबीआई को उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और उन मामलों को बंद कर दिया गया। राजन के वकील द्वारा यह कहे जाने पर, कि राजन को कई मामलों में बरी किया जा चुका है, के जवाब में अदालत ने कहा कि बरी होने का कारण उसके खिलाफ गवाहों का सामने न आना है।
एक सवाल के जवाब में छोटा राजन के वकील ने स्वीकार किया कि यह हत्या के मामले में छोटा राजन की दूसरी सजा थी।
अदालत का मानना था कि आरोपी राजन पर कई मामलों में दोष सिद्ध हो चुका है और वह उसे राहत देने के पक्ष में नहीं है। आखिरकार, कोर्ट ने छोटा राजन की जमानत रद्द कर दी।
क्यों हुआ यह हत्याकांड ?
CBI के अनुसार दक्षिण मुंबई में गोल्डन क्राउन होटल की मालिक पीड़िता जया शेट्टी को राजन के गैंग से जबरन वसूली की धमकियों का सामना करना पड़ा था। उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन मिला था लेकिन उनकी हत्या से दो महीने पहले इसे हटा लिया गया था। जया शेट्टी से कथित तौर पर 50,000 रुपये की माँग की गयी थी लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद 4 मई, 2001 को कथित रूप से गैंग के दो मेंबर ने शेट्टी की उनके ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी।