सूरत चार बच्चों की माता को डरा धमका कर बलात्कार करने और फिर…

इस बारे में किसी से जिक्र करने पर जान से मारने की देने का मामला सामने आया है। लिम्बायत पुलिस ने अपने ही थाने में उप निरीक्षक रह चुके एक सेवानिवृत पुलिस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है।

आरोप के मुताबिक गांधीनगर जिले के रतनपुर निवासी सेवानिवृत पुलिस उप निरीक्षक डी.एच.वाघेला ने 42 वर्षीय पीडि़ता को अपनी हवस का शिकार बनाया। गत 8 फरवरी को पीडि़ता घर पर अकेली थी। उस दौरान अल सुबह पांच बजे वाघेला पीडि़ता के घर पहुंचे। उन्होंने फोन कर पीडि़ता को ऑटो रिक्शा का किराया देने के लिए बाहर बुलाया। पांच सौ रुपए लेकर बाहर निकली पीडि़ता ने चाय वाले से छुट्टे लेकर रिक्शा का किराया दिया। उन्हें अपने घर ले गई।

परिचित व पारिवारिक संबंध होने के कारण वाघेला का उनके पर घर पर आना जाना था। वाघेला हॉल में सोफे पर सुलाया और पीडि़ता अंदर वाले कमरे में सो गई। कुछ ही देर बाद अचानक वाघेला उसके कमरे में घुस आए। उसके बगल में सो गए तथा उसके साथ जबरदस्ती की। पीडि़ता ने विरोध को किया तो उसे व उसके परिवार को देख लेने की धमकी दी।

पीडि़ता से बलात्कार करने के बाद वह सुबह सात बजे घर से निकल गए। धमकी व परिवार की बदनामी के डर से पीडि़ता ने इस बारे में किसी से कोई बात नहीं की। महीनाभर पूर्व पीडि़ता ने इस बारे में अपने परिजनों को बताया और फिर सोमवार को म्बायत थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।

00 दुबारा शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया

पीडि़ता का आरोप है कि 8 फरवरी की घटना के बाद भी वाघेला ने पीडि़ता को परेशान करना बंद नहीं किया। कुछ समय बाद वे दुबारा अचानक घर आ गए और पीडि़ता से शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया।

जब पीडि़ता इसके लिए तैयार नहीं हुई तो उसे देख लेने की धमकी दी। पीडि़ता पर कई तरह के आरोप लगा कर उसे बदनाम करने का प्रयास किया। घटना के बाद भी फोन पर लगातार उसे डर धमकाने की कोशिश की तब पीडि़ता ने अपने परिजनों से बात की।

00 नौ साल पूर्व टिफिन पहुंचाने के दौरान हुई थी पहचान

पीडि़ता ने बताया कि नौ साल पूर्व 2014 में डी.एच.वाघेला लिम्बायत पुलिस थाने में ड्यूटी पर थे तथा अकेले रहते थे। वाहन चैकिंग के दौरान पुत्र की बाइक पकडऩे पर उन्होंने टिफिन के लिए बात की थी। पीडि़ता घर पर टिफिन सर्विस चलाती थी। बात चीत के बाद उन्होंने वाघेला को टिफिन पहुंचाना शुरू कर दिया। कभी कभार वे खाना खाने के लिए घर भी आने लगे। परिचय बढऩे पर उनके साथ पारिवारिक संबंध बन गए थे। लिम्बायत से स्थानान्तरण व फिर सेवानिवृत होने के बाद भी उनसे बातचीत होती थी और सूरत आने पर वे उनके घर आते थे।

00 लिम्बायत पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप

पीडि़त परिवार का आरोप है कि उन्होंने लिम्बायत थाने बहुत पहले ही लिखित शिकायत दी थी। पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्हें शिकायत की कॉपी भी नहीं दी। वे जब भी शिकायत लेकर थाने जाने थे, इसकी खबर आरोपी को हो जाती थी। उन्हें डरा-धमका कर शिकायत वापस लेने के लिए कहा जाता था। थाने बुला कर शिकायत वापस लेने और समझौता करने के लिए भी दबाव डाला गया। आरोपी ने मौखिक रूप से दुबारा कभी परेशान नहीं करने की बात भी कही, लेकिन लिखित में नहीं दी। लिम्बायत थाने में कोई सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने पुलिस उपायुक्त कार्यालय में शिकायत दी। जिसके बाद सोमवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गई।

00 इनका कहना

लिखित शिकायत तो मिली थी, उसकी पड़ताल में कुछ समय लगा। पड़ताल के बाद सोमवार रात मामला दर्ज किया गया। मंगलवार को पीडि़ता का मेडिकल करवाया गया है। आरोपी की तलाश जारी है।

– एच.बी.झाला (लिम्बायत थाना प्रभारी)