एटीएस के हाथों पकड़ी गई सूरत की सुमेरा के इतने खतरनाक थे मनसूबे, पढ़कर आप रह जाएंगे दंग
सूरत. मौजिले सूरत की एक महिला अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरसान प्रांत (आइएसकेपी) की आंतकी बनना चाहती थी। वह अफगानिस्तान जाकर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में दहशत फैलाना चाहती थी।
एटीएस, पोरबंदर एसओजी व सूरत क्राइम ब्रांच द्वारा सैयदपुरा इलाके में शुक्रवार देर रात की गई संयुक्त कार्रवाई में कुछ ऐसा ही सामने आया है। जांच एजेन्सियों ने सुमेरा बानू मलेक नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद से शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है, हालांकि सैयदपुरा बेग-ए-फिजा अपार्टमेंट में रहने वाली सुमेरा के पड़ोसियों व परिजनों ने इस पर चुप्पी साध रखी हंै। उसकी माता से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। कई पड़ोसियों ने तो उसे पहचानने तक से मना कर दिया।
बताया जाता है कि सुमेरा बारहवीं तक पढ़ी लिखी है। उसकी शादी तमिलनाडु के मुस्लिम युवक के साथ हुई थी लेकिन दो साल पूर्व ही तलाक हो गया था। तलाक के बाद से वह 8 व 4 साल के अपने दो बच्चों के साथ पीहर में रह रही थी। वह कोई काम नहीं करती, सिर्फ बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए ही घर से निकलती थी। घर से निकलते समय हमेशा बुर्का पहने रहती थी। उसके माता-पिता भरुच के मूल निवासी है। पिता डाक विभाग में सरकारी कर्मचारी थे,फिलहाल सेवानिवृत है। उसके दो भाई हंै। जिनमें से एक सूरत ही रहता है, जबकि दूसरा कनाड़ा में रहता है।
लव जेहाद के लिए युवकों के तैयार करती थी
जांच एजेन्सियों से जुड़े सूत्रों की माने तो विवाह के बाद तमिलनाडु में ही वह आइएसकेपी के संपर्क में आई थी। दुनिया भर में जेहाद का जहर फैलाने वाली आइएसकेपी की साइबर सेल दक्षिण भारत में अधिक सक्रिय है। इस्लामिक कट्टरवाद से प्रभावित होकर वह आइएसकेपी से जुड़ी थी। वह आइएसकेपी के हेंडलर अबु हमजा व कश्मीरी युवक जुबैर मुंशी के सीधे संपर्क में थी। इंटरनेट का उपयोग कर वह 16-18 वर्ष के मुस्लिम युवकों को लव जेहाद की ट्रेनिंग देती थी।
पोरबंदर में पकड़े गए उसके साथियों से पूछताछ में उसका नाम सामने आने पर संयुक्त जांच टीम देर रात उसके घर पर छापा मारा। जांच एजेन्सियों को उसके घर से चार मोबाइल, आइएसकेपी से जुड़े वीडियो, ऑडियो, फोटोज, कट्टरवादी विचारधारा से जुड़ा साहित्य, आइएसकेपी के कमांडर (अमीर-उल-मोमीनीन) के प्रति निष्ठा पत्र बरामद हुआ है। पकड़े गए अन्य युवकों की तरह वह भी पोरबंदर के रास्ते ईरान और फिर अफगानिस्तान जाकर आतंकी बनना जाहती थी।