ग्रीनमैन विरल देसाई निर्मित अर्बन फॉरेस्ट पर एसवीएनआईटी की शोध : अर्बन फॉरेस्ट के कारण वायु विषाक्तता से निपटने में सफलता!

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और ग्रीनमैन के नाम से विख्यात विरल देसाई और एसवीएनआईटी, सूरत के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें सूरत जैसे शहरों में अर्बन फॉरेस्ट के महत्व पर व्यापक चर्चा हुई।

यह प्रेस कॉन्फ्रेंस SVNIT के एक शोध के आधार पर आयोजित की गई थी। इस शोध में सूरत के उधना इलाके में स्थित शहीद स्मृतिवन (जो एक अर्बन फॉरेस्ट है) का तीन महीने तक अध्ययन किया गया। इस फॉरेस्ट का निर्माण ग्रीनमैन विरल देसाई ने किया था। शोध में पाया गया है कि इस अर्बन फॉरेस्ट ने दक्षिणी क्षेत्र में हवा में पीएम10 और पीएम2.5 जैसे जहरीले पदार्थों को काफी कम कर दिया है।
इस संबंध में विरल देसाई ने कहा, “दिल्ली और लाहौर जैसे शहरों की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि हमें अधिक शहरी वन (अर्बन फॉरेस्ट ) बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे शहरों में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और शहरों में तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी।”

शोधकर्ता युग्मी पटेल ने कहा कि “शहीद स्मृतिवन में चुने गए पेड़ बहुत महत्वपूर्ण हैं। शहरी वन बनाते समय पेड़ों की स्थानीय प्रजातियों का चयन किया जाना चाहिए। हमारे शोध से पता चला कि शहीद स्मृतिवन में पीएम10 का स्तर 18.85% और पीएम2.5 के स्तर में 10.66% की कमी आई है। इससे शहर की बड़ी आबादी के स्वास्थ्य को लाभ हुआ है।”

गौरतलब है कि इस अर्बन फॉरेस्ट का निर्माण साल 2019 में ग्रीनमैन विरल देसाई ने किया था। इस शहीद स्मृति वन में 19000 वर्ग फुट के क्षेत्र में स्थानीय प्रजातियों के 1500 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। विरल देसाई ने पिछले पांच वर्षों में सात अर्बन फॉरेस्ट बनाए हैं और 6,50,000 पेड़ लगाए हैं।

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