
वहशी दरिंदो ने मासूम नवजात को जिन्दा पत्थरों में दबाया !
राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में वीभत्सता की पराकाष्ठा को पार करते हुए मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आयी है जिसे देखकर कोई भी हृदय विचलित हुए बिना नहीं रह सकता। भीलवाड़ा में 15 दिन के एक मासूम बच्चे को जंगल में फेंक दिया गया। उसके मुँह से आवाज न निकल पाए, इसलिए दरिंदों ने उसके मुँह में पत्थर भर कर फेविक्विक से चिपका दिया।
भीलवाड़ा, 23 सितंबर 2025 ! राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में वीभत्सता की पराकाष्ठा को पार करते हुए मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आयी है जिसे देखकर कोई भी हृदय विचलित हुए बिना नहीं रह सकता। भीलवाड़ा में 15 दिन के एक मासूम बच्चे को जंगल में फेंक दिया गया। उसके मुँह से आवाज न निकल पाए, इसलिए दरिंदों ने उसके मुँह में पत्थर भर कर फेविक्विक से चिपका दिया। मवेशी चराने वाले एक चरवाहे की नजर जब बच्चे पर पड़ी तो उसके होश उड़ गये ।
पत्थर मुँह से निकलते ही मासूम रोने लगा तुरंत लोगों ने मासूम को अस्पताल पहुँचाया जहाँ उसका इलाज किया जा रहा है। घटना मांडलगढ़ में आज, मंगलवार दोपहर 2:00 बजे की है।
हेड कांस्टेबल विजय सिंह ने बताया कि बिजोलिया में सीता कुंड का मंदिर के सामने सड़क से सटे जंगल में एक बच्चा मिला है। मवेशी चराता एक युवक पत्थरों के ढेर के पास पहुँचा तो देखा कि एक बच्चा तड़प रहा था। उसके मुँह में पत्थर फँसा हुआ था। उसने अन्य लोगों को बुलाया। मुँह से पत्थर निकाला और बच्चे को बिजोलिया के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस अस्पतालों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस ने बताया बच्चों को वहाँ कौन छोड़ कर गया, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए फिलहाल ग्रामीण और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहीँ मांडलगढ़ और बिजोलिया के अस्पताल में पिछले दिनों हुईं डिलीवरी की जानकारी भी जुटायी जा रही है।
बिजोलिया अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश ठाकुर ने बताया बच्चा करीब 15 से 20 दिन का है। उसके मुँह पर फेविक्विक लगाया गया था। उसकी जाँघ पर जलने के निशान भी मिले हैं। बच्चे को दूध पिलाया गया है। फिलहाल बच्चे की हालत को देखते हुए उसे भीलवाड़ा हायर सेंटर भेजा गया है।