जमानती धाराओं के बावजूद आरोपियों की रिमांड मांगने पर कोर्ट ने जांच अधिकारी को थमाया नोटिस
गणपति पंडाल में पथराव के बाद वाहनों में आग लगाने वाले तीनों आरोपियों को कोर्ट ने सशर्त जमानत पर छोड़ा
सूरत. सैयदापुरा में हुई हिंसा के बाद कतारगाम दरवाजा के पास फूंके गए वाहनों के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। गुरुवार को तीनों को रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया होने से कोर्ट ने जांच अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और तीनों को सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया।
रविवार रात सैयदपुरा में हुई हिंसा के बाद कतारगाम दरवाजा के पास भीड़ ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने 80 लोगों की टोली के खिलाफ बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बुधवार को पुलिस ने तीन आरोपी दिनेश रणछोड़ पटेल, जयेश उर्फ बन्नू पटेल और देबाशीश घोष को गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला जमानती धाराओं के तहत दर्ज किया होने के बावजूद जांच अधिकारी ने गुरुवार को तीनों को रिमांड अर्जी के साथ कोर्ट में पेश किया था। लेकिन लोक अभियोजक ने जांच अधिकारी का इस और ध्यान इंगित कर रिमांड अर्जी आगे बढ़ाने से रोका। जांच अधिकारी ने अर्जी आगे तो नहीं बढ़ाई लेकिन कोर्ट ने जमानती धाराओं के बावजूद आरोपियों को कोर्ट में क्यों पेश किया गया इसे लेकर अर्नेस्ट कुमार वर्सेज स्टेट के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने तय किए सिद्धांत और मार्गदर्शिका के उल्लंघन के लिए जांच अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।