स्मीमेर की महिला डॉक्टर की डेंगू से मौत से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
शहर में गंदे पानी और मच्छर जनित मौसमी बीमारियां बढ़ रही हैं। बेकाबू हो चुके डेंगू ने एक डॉक्टर सहित दो और लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है
सूरत. शहर में गंदे पानी और मच्छर जनित मौसमी बीमारियां बढ़ रही हैं। बेकाबू हो चुके डेंगू ने एक डॉक्टर सहित दो और लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। स्मीमेर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर और सरथाणा के एक ऑनलाइन व्यवसायी की डेंगू से मौत हो गई। महानगरपालिका की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के वस्त्राल क्षेत्र निवासी और वर्तमान में मनपा संचालित अर्द्धसरकारी स्मीमेर अस्पताल के होस्टल में रहने वाली डॉ. धारा नरोत्तमभाई चावड़ा (24) स्मीमेर अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग में प्रथम वर्ष में आर-1 के रूप में कार्यरत थी। उनको पिछले दो-तीन दिन से बुखार आ रहा था।
डॉ. धारा ने स्वयं दवाई लेकर इलाज किया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद मंगलवार शाम स्मीमेर अस्पताल में इलाज करवाया। उनके साथ पढ़ने वाले डॉक्टरों ने उनको आइसीयू वार्ड में भर्ती किया। मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने उनका इलाज शुरू किया। जबकि परिवार को भी डॉ. धारा के बीमार होने की सूचना दी गई। परिजन आने के बाद डॉ. धारा को विनस अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान तबीयत और बिगड़ गई। इसी बीच गुरुवार सुबह करीब चार बजे डॉ. धारा की मौत हो गई। परिवार अंतिम संस्कार के लिए धारा के शव को उसके पैतृक शहर अहमदाबाद ले गया।
दूसरी घटना में, मूल रूप से अमरेली जिले के सावरकुंडला के निवासी और यहां सरथाणा योगी चौक तिरुपति सोसायटी निवासी खोडीदास मनसुखभाई सावलिया (26) अपने मामा के साथ रह रहे थे। खोडीदास अपने गांव में रहने वाले माता-पिता सहित परिवार का सहारा बनने के लिए ऑनलाइन व्यवसाय चला रहे थे। खोडीदास पिछले दो-तीन दिनों से बुखार से ग्रस्त थे। ऐसे में जब खोडीदास ने निजी क्लीनिक में रिपोर्ट करवाई तो उन्हें डेंगू होने का पता चला। इसी बीच 8 सितंबर सुबह उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई।