ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश), 6 दिसंबर 2025 ! एक ऐतिहासिक उपलब्धि और राष्ट्र के लिए गर्व के क्षण के रूप में, भारतीय सेना की पूर्वी कमान की एक पर्वतारोही टीम ने माउंट कांग्टो (7,042 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर के नया इतिहास रच दिया । यह अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊँची और अब तक अजेय मानी जाने वाली ‘सेंटीनेल’चोटी है। टीम ने यह उपलब्धि कठिन दक्षिणी मार्ग से पहुँचकर हासिल की, जैसा कि एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया। यह उपलब्धि माउंट कांग्टो पर पहली दर्ज सफल चढ़ाई को चिह्नित करती है। इस पर्वत को लंबे समय से कामेंग हिमालय का ‘अपरिचित प्रहरी’ माना जाता रहा है, क्योंकि अब तक कोई भी इसके शिखर तक नहीं पहुँच सका था, सेना ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा।
अभियान दल का स्वागत (‘Flagged In’) पूर्वी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर. सी. तिवारी द्वारा किया गया, जिन्होंने पर्वतारोहियों के साहस, पेशेवराना कौशल और दृढ़तापूर्ण इस उपलब्धि की सराहना की। टीम का औपचारिक रूप से ‘फ़्लैग्ड इन’ स्वागत लेफ्टिनेंट जनरल आर. सी. तिवारी, सेना कमांडर, पूर्वी कमान द्वारा किया गया, जिन्होंने पर्वतारोहियों के अद्भुत साहस, पेशेवराना दक्षता और धैर्य की सराहना की।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया की 3 नवंबर को गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग द्वारा अग्रिम सैन्य अड्डे से ‘फ़्लैग ऑफ़’ किए जाने के बाद, 18-सदस्यीय पर्वतारोहियों के दल ने “बेहद कम ऑक्सीजन वाले वातावरण, शून्य से भी नीचे के तापमान, खतरनाक बर्फीली धारियों, गहरी दरारों और लगभग खड़ी बर्फ़ की दीवारों का सामना करते हुए, भारतीय सेना के विशिष्ट गुणों—अद्वितीय दृढ़ता, अनुशासन, टीमवर्क और अटूट जज़्बे का प्रदर्शन कर दुर्गम हिमालयी इलाकों में एक कठिन अभियान की शुरुआत की।
यह ऐतिहासिक चढ़ाई भव्य पूर्वी हिमालय को समर्पित एक श्रद्धांजलि के रूप में खड़ी है और यह भारतीय सेना की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह मानवीय सहनशीलता और परिचालन उत्कृष्टता की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
सेना ने इस चढ़ाई को राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताया और कहा,“भारतीय सेना के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।”