क्वेरी के बहाने बीमा कंपनी क्लेम चुकाने से इनकार नहीं कर सकती

उपभोक्ता कोर्ट ने क्लेम की राशि ब्याज समेत चुकाने की बीमा कंपनी को दिया आदेश

सूरत. क्वेरी का जवाब नहीं दिया गया है इस बहाने बीमाधारक का क्लेम नामंजूर करना बीमा कंपनी को महंगा पड़ा है। कोर्ट ने बीमाधारक की शिकायत अर्जी मंजूर करते हुए क्लेम की राशि 90,026 रुपए ब्याज समेत चुकाने का बीमा कंपनी को आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नरेश नावडिया के मुताबिक, लंबे हनुमान रोड़ सागर सोसायटी निवासी जनक देवचंद मालाणी ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से अपने और परिवार के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदी थी। पॉलिसी की लागू अवधि के दौरान उनकी बेटी को डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उपचार पर खर्च हुए रुपयों का उन्होंने बीमा कंपनी के समक्ष क्लेम किया, लेकिन बीमा कंपनी ने बीमा कंपनी को दिए कागजात कम होने का बहाना बनाकर क्लेम चुकाने से इनकार कर दिया था। मामला ग्राहक कोर्ट में पहुंचने पर अधिवक्ता नरेश नावडिया और जिग्नेश हरियाणी ने अभियोजन पक्ष की ओर से दलीलें पेश की। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीमा कंपनी की ग्राहक सेवा में क्षति का मामला मानते हुए बीमाधारक की शिकायत अर्जी मंजूर कर ली। कोर्ट ने क्लेम की राशि 90,026 रुपए अर्जी दायर करने की तारीख से सालना नौ फीसदी ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।