सूरत. सूरत महानगरपालिका वेस्ट से आय अर्जित करने के लगातार प्रयास कर रही है। अब तक वेस्ट वाटर ट्रीट कर उद्योगों को पानी बेच रही मनपा ने अब सब्जी मंडियों में निकलने वाले वेस्टेज से खाद बनाकर बेचने की शुरुआत की है। फिलहाल शहर की दस ऐसी सब्जी मंडियां हैं, जिनमें वेस्टेज सब्जियों और फलों से बेहतरीन खाद बनाई जा रही है। यहां पर मनपा ने कन्वर्टर मशीनें लगाई हैं। प्रयोग के तौर पर इन सब्जी मंडियों में प्रोजेक्ट शुरू किया गया है और आगामी दिनों में शहर की सभी बड़ी सब्जी मंडियों में यह मशीनें लगाकर खाद उत्पादन किया जाएगा।
देश में एक ओर खाद की कमी है वहीं, सूरत महानगरपालिका का एक नया प्रयोग हर दिन हजारों किलो खाद का उत्पादन कर रहा है। मनपा के सॉलिड वेस्ट विभाग के मुताबिक, मनपा ने सब्जी और फल मंडियों से निकलने वाले वेस्टेज से खाद बनाने की शुरुआत की है।
फिलहाल शहर की दस सब्जी मंडियों में 100 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम की वेजिटेबल वेस्ट कन्वर्टर मशीनें लगाई गई है। सब्जी मंडियों से जो भी कचरा निकलता है, उसे इन मशीनों में डाल दिया जाता है। महज 24 घंटे में ही वह खाद बन जाता है।
– 20 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रही
सूरत महानगरपालिका ने गंदगी दूर करने के साथ-साथ वेस्ट से बेस्ट बनाना भी शुरू कर दिया है। शहर की करीब 10 सब्जी मंडियों से निकलने वाले सब्जियों और फलों के वेस्ट से खाद बनाई जा रही है। यह खाद बाजार में 20 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रही है। इस पहल से सब्जी मंडियों में वेस्ट के निस्तारण के साथ ही मनपा को भी आय हो रही है।