
पीओके की जनता ने खोला मोर्चा पाकिस्तान के खिलाफ !
पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और पूर्ण बंद के चलते हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। यह लगातार दूसरे दिन जारी रहा। मुजफ्फराबाद की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने सभी मुख्य सड़कों को सील कर दिया और संचार नेटवर्क निलंबित कर दिये।
मुजफ्फराबाद (PoJK), 30 सितंबर 2025 ! पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के कोटली में शनिवार को हजारों लोग पाकिस्तान की सरकार और सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर आये। इस दौरान सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने निर्दोष आम लोगों को निशाना बनाया, जिससे स्थिति और ज्यादा खराब हो गयी और बड़े पैमाने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। प्रदर्शकारियों पर गोली चलाए जाने की रिपोर्ट सामने आयी है। हालाँकि अपुष्ट समाचार यह बताते हैं कि कोटली में हवा में गोली चलायी गयी।
पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और पूर्ण बंद के चलते हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। यह लगातार दूसरे दिन जारी रहा। मुजफ्फराबाद की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने सभी मुख्य सड़कों को सील कर दिया और संचार नेटवर्क निलंबित कर दिये।
दुदयाल, मीरपुर में, एक्शन कमेटी ने घोषणा की कि जब तक प्रशासन उनकी माँगें नहीं मान लेता, तब तक एक भी प्रदर्शनकारी का शव दफन नहीं किया जाएगा। वहीं, सुरक्षा बलों के द्वारा जुलूस को बाधित करने के लिए पुलों को खाली कराते हुए देखा गया।
मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद सहित पूरे क्षेत्र के निवासी अपने अधिकारों की लड़ाई में अभूतपूर्व एकता का प्रदर्शन कर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के आह्वान पर बड़ी रैलियों और प्रदर्शनों के लिए एकजुट हो गये हैं।
ये विरोध प्रदर्शन समिति की माँगों पर सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ बढ़ते आक्रोश को दर्शा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोटली में हजारों की सँख्या में लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद पाकिस्तानी सेना ने गोली चलायी है। इसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है।मुजफ्फराबाद में तनाव तब और बढ़ गया जब पुलिस ने कथित तौर पर एक रैली पर गोलीबारी की, जिसमें तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी और 22 से ज़्यादा घायल हो गये। इस घटना से लोगों के प्रदर्शन में और भी तेजी आ गयी है।
कोटली में, शहर के केंद्रीय चौक पर हुए आयोजन में जहाँ वक्ताओं ने राजनीतिक हस्तियों द्वारा विरोध को कमज़ोर करने के प्रयासों का खंडन किया ,एक प्रतिभागी ने कहा कि स्थानीय एम.एन.ए. ने बार-बार आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। जबकि एक अन्य ने ज़ोर देकर कहा कि जनता के दृढ़ संकल्प के सामने धमकाने की रणनीति नाकाम हो गयी ।
पाक सरकार ने तनाव को देखते हुए पर्यटकों को पीओके ना जाने की सलाह दी है। पत्रकारों और मीडिया को भी पीओके में जाने से रोक दिया गया है। बताया गया है कि 2,000 पुलिसकर्मी और 167 एफसी प्लाटून पी.ओ.के. में तैनात की गयीं हैं।
मीरपुर में प्रदर्शनकारियों ने मोटरसाइकिल रैलियाँ निकालीं, नारे लगाये और जे ए सी के चार्टर पर तत्काल कार्रवाई की माँग की। समाज के विभिन्न वर्गों की ज़ोरदार भागीदारी ने इस क्षेत्र में व्याप्त गहरे राजनीतिक असंतोष को उजागर किया है।
इस अवसर को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन भी मिला है और कश्मीरी प्रवासी समुदाय पूरे यूनाइटेड किंगडम में एकजुटता दिखा रहे हैं। जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय स्वतंत्रता गठबंधन (JKNIA) के बैनर तले ब्रैडफोर्ड, बर्मिंघम और लंदन जैसे शहरों में प्रदर्शन हुए।
अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते इन कार्यकर्ताओं, राजनीतिक हस्तियों और प्रवासी नेताओं ने पी.ओ.जे.के. में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित उत्पीड़न की निंदा की और जन संघर्ष को निरंतर समर्थन देने का संकल्प लिया।