ट्रम्प पुतिन की बैठक पर सारे विश्व की नज़र !

आज अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच होने वाली बैठक पर सारी दुनिया की नज़रें टिकी हुई है । ट्रंप और पुतिन अलास्का में आज एक अमेरिकी एयरबेस पर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत करने वाले हैं।  पिछले चार वर्षो से भी ज्यादा समय से किसी भी अमेरिकी और रुसी राष्ट्राध्यक्ष के बीच में यह पहली शिखर बैठक होगी। सारे विश्व की दृष्टि इस बात पर उत्सुकता से लगी है कि इस बैठक का क्या नतीजा निकलने वाला है !

अलास्का (अमेरिका) 5 अगस्त 2025 ! आज अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच होने वाली बैठक पर सारी दुनिया की नज़रें टिकी हुई है । ट्रंप और पुतिन अलास्का में आज एक अमेरिकी एयरबेस पर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत करने वाले हैं।  पिछले चार वर्षो से भी ज्यादा समय से किसी भी अमेरिकी और रुसी राष्ट्राध्यक्ष के बीच में  यह पहली शिखर बैठक होगी। सारे विश्व की दृष्टि इस बात पर उत्सुकता से लगी है कि इस बैठक का क्या नतीजा निकलने वाला है !

अलास्का में 15 अगस्त 2025 को होने वाली इस मीटिंग के लिए तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। यह मीटिंग अलास्का के इनको एंकोरेज शहर के उत्तरी छोर पर स्थित जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हो रही है।

यह स्थान एक अमेरिकी सैन्य अड्डा है जिसे इस बैठक की उच्च सुरक्षा और सामरिक महत्व के कारण चुना गया है। यह जगह सुरक्षित सैनिक परिसरों, नियंत्रित एयर-स्पेस और अत्यधिक सैन्य संसाधनों के कारण चुना गया है ।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि इस बैठक की सारी तैयारी अमेरिकी विदेश विभाग के प्रोटोकॉल की देख रेख में की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि द्विपक्षीय बैठक में आपसी नियमों (Reprocity Rules ) का विशेष ध्यान रखा गया है। यानि , एक नेता के साथ किया गया हर शिष्टाचार दूसरे के साथ भी मेल खाना चाहिए। रुसी सुरक्षाकर्मी पुतिन की तत्काल गतिविधियों पर नजर रखेंगे जबकि उनकी सीक्रेट सर्विस एक बाहरी घेरा बनाए रखेगी।
कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष के दरवाजे नहीं खोलेगा तथा तथा दूसरे पक्ष की कार में नहीं बैठेगा। यदि एक पक्ष की ओर से 20 सुरक्षा कर्मी होंगे तो दूसरे पक्ष के भी उतने ही होंगे। सम्पूर्ण व्यवस्था इसी प्रकार से होगी।

दरअसल डोनाल्ड ट्रम्प ने 2025 में राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे के भीतर ही यह दावा  किया था कि मैं यह युद्ध खत्म करवा दूँगा। किंतु पिछले 8 महीनॉ में अनेक बार पुतिन से फोन पर वार्तालाप के बाद भी यह संभव नहीं हो पाया है। पुतिन इसे अपनी शर्तों मनवाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।

रूस ने अपनी ओर से जून में जारी शांति योजना के एक प्रस्ताव में यूक्रेन से खेरसॉन, लुगांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और डोनेत्स्क क्षेत्रों से सेना हटाने के लिए कहा था ताकि 2022 में अपने घोषित किए गये इन क्षेत्रों पर रूस का कब्जा हो सके। किंतु यूक्रेन ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। रूस ने यह भी मांग की थी कि यूक्रेनी सेना की भर्ती पर भी रोक लगे, यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा त्यागे  तथा  पश्चिमी देश उसे हथियार देना बंद करें।

आलोचकों की नजर में यह यूक्रेन के आत्मसमर्पण करने जैसा होगा। इसके साथ ही रूस यूक्रेन के रूसी भाषी लोगों के अधिकारों में और भी बढ़ोतरी चाहता है।

उधर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर ज़ेलेन्स्की को इस बैठक में शामिल नहीं किया जा रहा है। लेकिन वह कहते हैं कि उनकी भागीदारी के बिना यूक्रेन को कोई भी समझौता मान्य नहीं होगा। यूक्रेन समझौते की बातचीत के लिए बिना शर्त युद्ध विराम की मांग कर रहा है। वह यह भी मांग कर रहा है कि सभी युद्ध बंदियों की अदला-बदली की जाए और उन हजारों बच्चों को यूक्रेन को लौटाया जाए जिन्हें रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद  अपहरण करके अपने कब्जे वाले इलाकों में पहुँचा कर उन्हें रुसी परिवारों को गोद देकर रूस की नागरिकता प्रदान कर दी है।  रूस अपहरण की बात को अस्वीकार करता है लेकिन यह मानता है कि हजारों यूक्रेनी बच्चे उसके इलाके में है।

यूक्रेन की यह भी मांग है कि किसी समझौते में भविष्य में रूसी हमले को रोके जाने के लिए सुरक्षा की गारंटी हो और उसकी (यूक्रेन की) सेना  की तैनाती पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। साथ ही रूस पर लगे प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जाए और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से लगाया जाए।

ट्रम्प ने बुधवार (13 अगस्त ) को एक बयान में कहा कि अगर रूस ने हमला नहीं रोका तो उसे बहुत गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। ट्रम्प के इस बयान में धमकी का संकेत था हालाँकि रूस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। शुरुआत में ट्रंप ने कहा था कि बातचीत में कुछ ‘जमीन की अदला बदली’ हो सकती है लेकिन बुधवार को यूरोपीय नेताओं से बात करने के बाद उन्होंने अपने बयान में कुछ नरमी दिखायी और कहा कि वह बहुत जल्दी युद्ध विराम देखना चाहेंगे।  उन्होंने यह भी कहा कि अगर पहली बैठक ठीक रही तो हम जल्दी ही दूसरी बैठक भी करेंगे उनका इशारा स्पष्ट था कि ज़ेलेन्स्की अगली बैठक में शामिल हो सकते हैं।