सूरत: राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू की गई हैं। सूरत जिले में प्राकृतिक खेती का विस्तार करने के लिए पिछले दो वर्षों में कुल 278 मॉडल फार्म तैयार किए गए हैं, जो प्राकृतिक खेती के लिए एक उदाहरण बन रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी सतीश गामीत के अनुसार सूरत जिले के विभिन्न तालुकाओं में आयोजित इस परियोजना में उमरपाड़ा में 30, ओलपाड में 39, कामरेज में 23, चोर्यासी में 12, पलसाणा में 18, बारडोली में 48, महुवा में 31, मांगरोल में 38 और मांडवी में 39 मॉडल फार्म बनाए गए हैं। प्रत्येक मॉडल फार्म के लिए राज्य सरकार 13,500 रुपये प्रदान करेगी। किसानों को प्राकृतिक तरीकों को लागू करके अपने खेतों को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। प्राकृतिक तरीकों से मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखना आसान है। इस विधि से रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना पर्यावरण सुरक्षित रहता है। पाँच स्तरीय खेती के माध्यम से किसान एक साथ विभिन्न फसलें उगा सकते हैं, जिससे आर्थिक लाभ में वृद्धि होती है। मॉडल फार्म के नतीजे देखकर अन्य किसान भी जैविक खेती की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। राज्य सरकार के ये प्रयास किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। सूरत जिले के ये मॉडल फार्म अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।