
झारखण्ड में आज 3 शीर्ष नक्सली कमांडर ढेर !
CRPF और झारखण्ड पुलिस ने आज सुबह एक संयुक्त अभियान में तीन कुख्यात नक्सलियों का सफाया कर दिया। हज़ारीबाग़ के पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने बताया कि इन तीनों पर संयुक्त रूप से एक करोड़ पैतींस लाख रुपयों का ईनाम घोषित था।
हज़ारीबाग़ (झारखण्ड), 15 सितम्बर 2025 ! CRPF और झारखण्ड पुलिस ने आज सुबह एक संयुक्त अभियान में तीन कुख्यात नक्सलियों का सफाया कर दिया। हज़ारीबाग़ के पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने बताया कि इन तीनों पर संयुक्त रूप से एक करोड़ पैतींस लाख रुपयों का ईनाम घोषित था।
यह ऑपरेशन आज सुबह लगभग 4.20 बजे आरम्भ हुआ था। सुरक्षा दलों ने मौके पर से 3 AK-47 राइफलें भी बरामद कीं । इन तीनों दुर्दांत नक्सली आतंकियों की पहिचान CCM (केंद्रीय समिति सदस्य) सहदेव सोरेन (1करोड़), SACC (विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य) रघुनाथ हेम्ब्रम (25 लाख) और ZCC (आँचलिक समिति सदस्य) वीरसेन गंझू उर्फ़ रामखेलावन (10 लाख) के रूप में हुई है।
जुलाई में सहदेव सोरेन एक और मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें एक सुरक्षा अधिकारी की जान चली गयी थी। बोकारो एस.पी. हरविंदर सिंह के अनुसार, बोकारो पुलिस द्वारा किए गये एक सर्च ऑपरेशन के दौरान 209 बटालियन के एक जवान को गोली लगी थी। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि यह समूह “एक बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा है।”
चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूमि), पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि इससे पहले 7 सितंबर को चाईबासा में भी प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का एक प्रमुख नेता अमित हांसदा उर्फ़ अपटन एक मुठभेड़ में मारा गया था। उस पर 10 लाख रुपये का ईनाम घोषित था। उसके खिलाफ 95 से अधिक मामले दर्ज थे और उस पर कई पुलिस अधिकारियों और आम नागरिकों की हत्या में शामिल होने का आरोप था। पुलिस ने बताया कि यह ऑपरेशन 6 सितंबर को मिली खुफिया जानकारी के बाद शुरू किया गया था, जिसमें संकेत मिले थे कि शीर्ष माओवादी किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं।
अधिकारियों ने इस अभियान को झारखंड में माओवादी नेटवर्क के लिए एक “महत्वपूर्ण झटका” बताया और कहा कि शीर्ष नेतृत्व के खात्मे से संगठनात्मक ढाँचे और इलाके में उनकी संचालन क्षमता पर असर पड़ेगा।
इससे पूर्व कल भी एक शीर्ष नक्सली कमांडर, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी [CPI(माओवादी)] की सेंट्रल कमेटी सदस्य सी. सुजाता उर्फ कल्पना, जिस पर देश भर में एक करोड़ का ईनाम घोषित था, ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था ।
सुरक्षा बलों ने इलाके में कॉम्बिंग (तलाशी) अभियान तेज कर दिये हैं ताकि नक्सल कैडरों की ओर से किसी भी तरह का और प्रतिरोध न हो। अधिकारियों ने पुष्टि की कि सुरक्षा बलों में “कोई हताहत या घायल” नहीं हुआ है, वहीं इलाके में अन्य माओवादी सदस्यों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
प्रशासन ने इस कार्रवाई को झारखंड में माओवादी नेतृत्व पर “निर्णायक वार” करार दिया, जिससे उनकी संगठनात्मक पकड़ कमजोर पड़ने की उम्मीद है।