
अमेरिका से साथ व्यापार वार्ता जारी – अनुकूल नतीजा निकलने की आशा !
भारत और अमेरिका के बीच पिछले तीन दिनों से चल रही ट्रेड डील को लेकर बातचीत में दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है। पीयूष गोयल की अध्यक्षता में यह चर्चा सोमवार से ही जारी है जिसमें उम्मीद की जा रही है कि टैरिफ कम करने को लेकर जल्द ही सहमति बन सकती है।
वाशिंगटन (USA ),25 सितम्बर 2025! भारत और अमेरिका के बीच पिछले तीन दिनों से चल रही व्यापार वार्ता को लेकर बातचीत में दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है। पीयूष गोयल की अध्यक्षता में यह चर्चा सोमवार से ही जारी है जिसमें उम्मीद की जा रही है कि टैरिफ कम करने को लेकर जल्द ही सहमति बन सकती है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में वाशिंगटन में हो रही इस ट्रेड डील पर चर्चा में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का दल भी है जिसमें विशेष सचिव और भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी शामिल हैं। प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर वार्ता जारी है। उन्होंने आगे बताया कि मंत्री के नेतृत्व वाली टीम के इस सप्ताह के अंत तक अमेरिका से भारत लौटने की उम्मीद है।
यह वार्ता हाल ही में नयी दिल्ली में अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रैंडन लिंच और अग्रवाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई एक दिवसीय चर्चा के बाद हो रही है। 16 सितंबर को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर, दौरे पर आये अमेरिकी टीम के साथ दिनभर की चर्चा सकारात्मक रही।
अमेरिका में हो रही बैठक में भारत और US के बीच सबसे पहले टैरिफ को लेकर चर्चा होनी है जिसमें भारत अमेरिका से 50 % टैरिफ को कम करवाने की कोशिश करेगा। वहीं अमेरिका चाहेगा कि भारत कृषि और डेयरी उत्पादों पर समझौता कर ले। पिछले दिनों रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि अमेरिका जल्दी टैरिफ को 10% तक कम कर सकता है। हालाँकि अभी तक किसी भी ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
अमेरिका ने भारत पर एक्स्ट्रा 25 % टैरिफ रुसी तेल खरीद के कारण लगाया है इसे भारत हटवाना चाहता है। ऐसे में अमेरिका पूरा दबाव बनाने की कोशिश करेगा कि भारत रुसी तेल न खरीदे बल्कि उसका महँगा तेल खरीदे। हालाँकि इस सन्दर्भ में भारत अभी तक अपनी बात पर अडिग है।
हाल ही में ट्रंप सरकार ने H1 B वीजा पर फीस को USD 15,000 से बढ़ाकर USD 100,000 (एक लाख) कर दिया जिससे सबसे ज्यादा भारतीय कामगार प्रभावित हुए हैं। H1 B वीजा की नयी फीस USD एक लाख का मतलब नये H1 B वीजा आवेदन के लिए अब करीब एक लाख के स्थान पर 88 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। दोनों पक्षों के बीच व्यापार बढ़ाने में मुद्दे पर बातचीत के साथ साथ भारत इसकी फीस कम करने के लिए भी बोल सकता है।