जगदलपुर में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को पुनर्वास पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण !

जगदलपुर (छत्तीसगढ़), 22 दिसंबर 2025 ! आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, उन्हें होटल प्रबंधन, आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी) तथा अन्य कौशल विकास पाठ्यक्रमों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
आईजी पी. सुंदरराज ने कहा, “माओवादी कैडर, जिन्होंने किसी न किसी कारण से पहले हिंसा का रास्ता अपनाया था, अब परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्हें हर प्रकार की वित्तीय सहायता और अन्य सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन और पुलिस के प्रयासों तथा सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप, आने वाले समय में इन आत्मसमर्पण कर चुके व्यक्तियों के जीवन में निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।” आईजी ने यह भी रेखांकित किया कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य पूर्व माओवादी कैडरों को सम्मानजनक आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है, ताकि वे समाज में पुनः स्थापित होकर सामान्य जीवन जी सकें और स्थायी रूप से विकास की धारा से जुड़ सकें।

इस वर्ष आत्मसमर्पण करने वाले एक नक्सली ने बताया कि सरकार ने उसे प्रशिक्षण के लिए जगदलपुर कॉलेज भेजा है, जहाँ वह होटल प्रबंधन पाठ्यक्रम की शिक्षा ले रहा है। उसने कहा, “मैंने बीजापुर जिले में आत्मसमर्पण किया था और उसके बाद सरकार ने मुझे प्रशिक्षण के लिए जगदलपुर कॉलेज भेजा। यहाँ हमें होटल प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। होटल प्रबंधन प्रशिक्षण के माध्यम से हम कई नई बातें सीख रहे हैं और इसके लाभ भी हमें दिखाई दे रहे हैं।

इस बीच, जगदलपुर कॉलेज में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को प्रशिक्षण दे रहे होटल प्रबंधन प्रशिक्षक अनिल अडे ने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र में चार या पाँच प्रकार के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें पर्यटन, ट्रैक्टर मरम्मत, प्लंबिंग, विद्युत कार्य और सिलाई शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली सेवा (सर्विस) पाठ्यक्रम कर रहे हैं और इस प्रकार की पहल करने के लिए उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया। अनिल अडे ने कहा, “यह प्रशिक्षण राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहाँ चार या पाँच प्रकार के पाठ्यक्रम हैं—पर्यटन, ट्रैक्टर मरम्मत, प्लंबिंग, इलेक्ट्रीशियन और सिलाई। फिलहाल ये लोग सेवा पाठ्यक्रम कर रहे हैं। मैं इस तरह की पहल करने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूँ। जब ये लोग काम करेंगे और अनुभव प्राप्त करेंगे, तो भविष्य में इन्हें और अधिक अवसर मिलेंगे।”

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