सूरत जिले में 200 हेक्टेयर में लगाए जाएंगे मैंग्रोव के दो लाख पेड़ : हर्ष संघवी

बारडोली: गुजरात के गृहराज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार को कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए मैंग्रोव पेड़ की महत्वपूर्ण भूमिका है। समुद्र तट के क्षरण रोकने के लिए मैंग्रोव एक कल्पवृक्ष की तरह है। इस पौधे से समुद्री जीवसृष्टि को खुराक मिल सकती है। जिलेभर में दो हेक्टयर में मैंग्रोव की बुवाई विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में सोमवार से शुरू कर दी गई है। सूरत वन विभाग 200 हेक्टयर में 2 लाख मैंग्रोव के पेड़ लगाएगा। संघवी ओलपाड तहसील के दांडी गांव स्थित हनुमान मंदिर के पास आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्च्युल माध्यम से मैंग्रोव इनिशिएटिव फ़ॉर शोरलाइन हैबिट्स एंड टेंजिबल इनक्स कार्यक्रम की देशव्यापी शुरुआत की है। कार्यक्रम के तहत राज्य की 25 साइट्स समेत सूरत जिले की ओलपाड तहसील के दांडी गांव में प्रदेश के गृहराज्यमंत्री हर्ष संघवी ने मैंग्रोव की बुवाई की। कार्यक्रम में संघवी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मैंग्रोव की बुवाई के लिए एमआईएसटीआई कार्यक्रम की शुरुआत की है। समुद्र में जमीन क्षरण को रोकने में मैंग्रोव की अहम भूमिका है। इस अवसर पर दांडी की प्राथमिक शाला के छात्रों को नोटबुक भी बांटी गई। कार्यक्रम में विधायक संदीप देसाई, इंचार्ज जिला कलेक्टर बीके वसावा, सूरत विभाग के मुख्य वन संरक्षक डॉ. के.शशिकुमार, डिप्टी वन संरक्षक सचिन गुप्ता, जिला पुलिस अधीक्षक हितेश जोयसर, जिला संगठन प्रमुख भरत राठौड़ आदि मौजूद थे।

-सूरत जिले में 43.63 स्कवेयर किमी में मैंग्रोव

सूरत के डिप्टी वन संरक्षक आनंदकुमार ने बताया कि सूरत वन विभाग और गुजरात इकोलॉजिकल कमीशन के साथ मिलकर एमआईएसटीआई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। देश का सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात के पास है। जिसमें 1103 स्क्वेयर किमी क्षेत्र में मैंग्रोव के पेड़ है। सूरत जिले में 43.63 स्क्वेयर किमी में मैंग्रोव के पेड़ लगे हैं। अभियान के तहत ओलपाड के समुद्री तट पर स्थित दांडी, कड़िया बेट, करंज और छीणी गांव में मैंग्रोव की बुवाई की जाएगी।

-वन समितियों को बांटे चेक

कार्यक्रम के दौरान बांस सुधारणा योजना के तहत बांस उत्पादन में सक्रिय जिले की वन समितियों को चेक बांटे गए। इसमें रखसडी गांव को 8.36 लाख, धाणावड को 8.03 लाख, महुडी को 2.52 लाख, बोरिया को 2.44 लाख, अमरकुई को 1.54 लाख, मांडण-उमल्ला को 1.51 लाख, दिवतण को 1.33 लाख मिलाकर कुल सात गांव की वन समितियों को 25.74 लाख रुपए के चेक मंत्री समेत अन्य ने बांटे।