विशाखापट्टनम, 26 अगस्त ! आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में दो नये युद्धपोत INS हिमगिरी एवं INS उदयगिरि शामिल किये गये हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार दोनों जहाज 17 अल्फ़ा (प्रोजेक्ट 17 A) के तहत बनाये गये हैं। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि दुश्मन के रडार इंफ्रारेड (गर्मी सेंसर) और ध्वनि सेंसर से बचे रह सकें । दोनों युद्ध पोतों की तैनाती से इंडो पेसिफिक क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी।
INS हिमगिरी को कोलकाता के गार्डन रीच शिप बिल्डर्स के इंजीनियरों ने तैयार किया है। इसका वजन 6670 टन और लंबाई 149 मीटर है। यह ब्रह्मोस एवं बराक-8, एंटी सबमेरीन राकेट लॉन्चरजैसे घातक हथियारों से लैस है। साथ ही यह CODOG सिस्टम से 28 नॉट्स से ज्यादा स्पीड और लंबी दूरी तक ऑपरेशन करने में सक्षम हैं । इसका नाम पुराने INS हिमगिरी से लिया गया है।
वहीँ INS उदयगिरि का निर्माण मुंबई के मझगाँव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने किया है। उदयगिरि का वजन 6700 टन है और यह भी ब्रह्मोस सुपर मिसाइल,बराक-8 एंटी सबमरीन डिफेंस सिस्टम, 76 mm गन जैसे हथियारों से लैस है तथा CODOG सिस्टम से डीजल और गैस टर्बाइन से चलने में सक्षम है। इसको बनाने में 75% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का प्रयोग किया गया है। INS उदयगिरि का नाम आंध्र प्रदेश के उदयगिरि पर्वत के नाम पर रखा गया है। इसके निर्माण में लगभग 3 वर्ष का समय लगा है।
दोनों ही युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल और भारत इजराइल बराक 8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (LRSAM ) से लैस हैं। इनमें 76 mm नौसैनिक बंदूकें और समुद्री युद्ध में पानी के अंदर चलने वाले टारपीडो विस्फोटक हथियार भी हैं।
दोनों जहाज INS स्टेल्थ फीचर्स के साथ यानि, राडार और इंफ्रारेड से बचने में सक्षम, ब्रह्मोस, बराक 8 क्लोज इन वेपन सिस्टम ट्यूब्स, एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर तथा टॉरपीडो ट्यूब और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर सिस्टम से लैस है ।
रक्षामंत्री ने इसे स्वदेशी उत्पाद की संज्ञा दी और भारत का गौरव बताया।