विश्व का पहला जलवायु परिवर्तन विश्वविद्यालय गुजरात में स्थापित किया जाएगा: मंत्री मुकेशभाई पटेल
सूरत। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) गुजरात का नेट ज़ीरो और ग्रीन एनर्जी ट्रांज़िशन कॉर्पोरेट एक्शन पर पहला नवीकरणीय ऊर्जा सम्मेलन वन, पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। सम्मेलन में वन मंत्री मुकेशभाई पटेल ने कहा कि अदृश्य शत्रु कभी दिखाई नहीं देता लेकिन वह शत्रु से भी अधिक घातक होता है। जलवायु परिवर्तन एक धीमी गति से चलने वाला अदृश्य शत्रु है। जलवायु से लड़ना हमारी व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। जिसमें गुजरात की नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा अमूल्य योगदान रहा है। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि पूरे एशिया में जलवायु परिवर्तन अभियान की शुरुआत सबसे पहले गुजरात राज्य से हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2009 से पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने के लिए काम कर रहे हैं। वर्ष 2070 तक भारत को शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने और इस संकल्प को साकार करने के लिए 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगा वाट तक ले जाना और कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करना प्रधानमंत्री का लक्ष्य है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि 2030 तक 10 लाख कार्बन उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, मिशन ग्रीन हाइड्रोजन के तहत 2030 तक भारत में सालाना पांच मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिसमें गुजरात राज्य का योगदान सबसे अधिक होगा और गुजरात ने 3 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। निकट भविष्य में दुनिया का पहला जलवायु परिवर्तन विश्वविद्यालय गुजरात में स्थापित किया जाएगा और किसी भी नई शुरुआत का रोल मॉडल गुजरात से होगा। नवीकरणीय ऊर्जा से नये रोजगार पैदा होंगे।