शिव महापुराण कथा से एक राजनीतिक गुट नाराज ! , शहर में लगे होर्डिंग्स हटाने से भक्तों में आक्रोश
3 जनवरी को होर्डिंग्स के लिए लाइसेंस फीस माफी का प्रस्ताव पारित करने वाली स्थाई समिति ने राजनीतिक दबाव में यू टर्न लेने की चर्चा
सूरत. शहर के डिंडोली पलसाना रोड पर खरवासा में आयोजित शिवमहापुराण कथा फिर के बार सुर्खियों में है। इस बार मनपा की स्थाई समिति द्वारा होर्डिंग्स को लेकर पारित किए गए प्रस्ताव की अवधि घटाने और जिसके चलते शहरभर में से शिव महापुराण कथा के होर्डिंग हटाने को लेकर मामला गरमाया है। इसके पीछे राजनीतिक रंजिश की चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ है। बताया जा रहा है आयोजक सम्राट पाटिल और सुनील पाटिल सत्तादल से जुड़े होने के बावजूद एक राजनीतिक खेमा इससे नाराज है और उन्हीं के राजनीतिक दबाव के चलते स्थाई समिति को यू टर्न लेना पड़ा है।
सुनील पाटिल और सम्राट पाटिल ने साई लीला ग्रुप के बैनर तले 16 से 22 जनवरी तक कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया है। इस आयोजन के प्रचार प्रसार के लिए साईं लीला ग्रुप की ओर से मनपा की स्थाई समिति के समक्ष शहर में होर्डिंग लगाने के लिए लाइसेंस फीस से मुक्ति देने की मांग की थी। 3 जनवरी को स्थाई समिति ने प्रस्ताव मंजूर किया था, जिसमें आयोजकों को 22 जनवरी तक होर्डिंग्स लगाने पर लाइसेंस फीस से मुक्ति दी गई थी। अब स्थाई समिति ने इस प्रस्ताव पर यू टर्न ले लिया और 22 जवनरी के बजाय 16 जनवरी की अवधि तक ही इसे मंजूरी दी। जिससे शहर भर से शिव महापुराण कथा के होर्डिंग्स हटाने की नौबत आई। हालांकि स्थाई समिति के इस निर्णय को लेकर अब तरह तरह की चर्चाएं शुरू हुई है। बताया जा रहा है आयोजक सत्तादल से जुड़े हैं, इसके बावजूद आयोजन में तवज्जो नहीं मिलने से क्षेत्र में खुद को कद्दावर नेता समझने वाले नेताओं का गुट इस आयोजन से खुश नहीं है। उन्हें अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है। ऐसे में वे ही राजनीतिक दबाव बनाकर इस तरह की करतूतें कर रहे हैं। स्थाई समिति के यू टर्न के पीछे भी इसी गुट का हाथ होने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोर शोर से हो रही है।