फिल्में समाज का दर्पण : सच्चाई से परहेज क्यों : हितेश विश्वकर्मा
सूरत: एक तरफ जहां द केरल स्टोरी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है इसी बीच अब एक और फिल्म विवादों में घिरती हुई नजर आ रही है। ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस ट्रेलर के बाद कई लोग फिल्म के समर्थन में खड़े हो रहे हैं तो कई लोगों में आक्रोश का माहौल बन गया है। आलम ये है कि फिल्म के डायरेक्टर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने नोटिस जारी कर दिया है. डायरेक्टर पर आरोप है कि वह अपनी फिल्म के जरिए बंगाल की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हिंदू संगठन श्री बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि श्री बजरंग सेना फिल्म का समर्थन करती है। फिल्म समाज का दर्पण होती हैं, ऐसे में जो कुछ हुआ है डायरेक्टर वहीं दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में सच से परहेज क्यों करना चाहिए।
हितेश विश्वकर्मा ने कहा कि “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर हिंदुओं के साथ हुए अन्याय को दिखाता है। फिल्म के मेकर जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ पश्चिम बंगाल के हालात और वहां की राजनीति के बदलते हुए हालातों पर आधारित है। ट्रेलर में पश्चिम बंगाल के दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हालातों की झलक दिखाई गई है। लोगों का पलायन दिखाया गया है। फिल्म के ट्रेलर के मुताबिक बड़ी संख्या में बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को पश्चिम बंगाल में बसाया जा रहा है। कहानी के मुताबिक पश्चिम बंगाल अब कश्मीर से ज्यादा बदतर होता जा रहा है, असम के हिंदूओं के लिए पश्चिम बंगाल दूसरा कश्मीर बन गया है। यानी मेकर्स ने इस ट्रेलर के जरिए ये दिखाने की कोशिश की है कि किस तरह से पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और ये उत्पीड़न करने वाले कोई और नहीं बल्कि कट्टरपंथी मानसिकता रखने वाले समुदाय विशेष के लोग है। जो कुछ बंगाल में हुआ है और हो रहा है। सारा देश जान रहा है। ऐसे में यदि कोई फिल्म मेकर इसे फिल्म के जरिए दिखाने का प्रयास कर रहा हो तो इतना हंगामा और विरोध क्यों होना चाहिए? हितेश विश्वकर्मा ने आगे कहा कि श्री बजरंग सेना फिल्म का समर्थन करती है और प्रत्येक हिन्दू को फिल्म के समर्थन में खड़े रहने की अपील करती है।