गणेशजी के काम में कहने से मनोकामना पूर्ण होने की यहां के गणपति के लिए भक्तों में आस्था

सूरत: गणेशोत्सव की भव्यता, अटूट आस्था और सामाजिक सेवा का अनोखा मेल सांईराम युवक मंडल के गणेशोत्सव में देखने को मिलता है। पिछले 28 वर्षों से सूरत के अलथाण-भटार कम्युनिटी हॉल में आयोजित यह उत्सव न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि भव्य सजावट और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। इस मंडल के गणपति के प्रति यह मान्यता है कि उनके कानों में मनोकामना कहने से वह निश्चित रूप से पूरी होती है। इस आस्था को साकार करते हुए हर साल 50 से 80 श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर गणेशजी की मंगलमूर्ति मंडप में अर्पित करते हैं। मंडल के आयोजक कमल मेवावाला ने बताया कि “28 वर्षों से हम यह उत्सव धूमधाम से मना रहे हैं। बप्पा पर लोगों की अटूट श्रद्धा है और दर्शनार्थियों की संख्या हर साल बढ़ रही है। 10-12 प्रमुख सदस्य खर्च वहन करते हैं और कोई बाहरी फंड नहीं लिया जाता।”

– मुंबई से खास मूर्ति, नासिक के ढोल के साथ भव्य शोभायात्रा
सांईराम युवक मंडल हर साल मुंबई से विशेष ऑर्डर देकर गणेशजी की भव्य मूर्ति मंगवाता है, जो 10 दिनों तक मंडप में विराजमान रहती है। इस मंडल ने सूरत में सबसे पहले नासिक के ढोल के साथ शोभायात्रा शुरू की थी, जो आज भी लोगों के दिलों को जीत रही है। हर साल 20 से 25 हजार भक्त दर्शन के लिए उमटते हैं। मंडप को हर बार अलग-अलग थीम से सजाकर भव्य रूप दिया जाता है, जिसे तैयार करने में एक माह का समय और अथक मेहनत लगती है।
– शहर में पहली बार ऑर्केस्ट्रा के साथ गणेश आरती
गणेशोत्सव के दौरान मंडप और आसपास का माहौल भक्तिमय हो जाता है। सांईराम युवक मंडल ने शहर में पहली बार ऑर्केस्ट्रा के साथ गणेश आरती शुरू की थी, जो भक्तों को अनूठा अनुभव देती है। नासिक के ढोल की धुन पर शोभायात्रा शहर की गलियों में रौनक बिखेरती है।

– इस साल ‘गजराज’ थीम पर भव्य महल की सजावट
हर साल नई थीम के साथ मंडप को नया रंग-रूप दिया जाता है। पिछले साल पैलेस थीम ने लोगों का मन मोहा था, वहीं इस साल ‘गजराज’ थीम पर भव्य महल तैयार किया गया है। इसके लिए मुंबई और कोलकाता से विशेष कारीगर बुलाए गए। 60 फीट चौड़ा, 150 फीट लंबा और 50 फीट ऊंचा यह मंडप 50 कारीगरों की एक माह की मेहनत से बनकर तैयार हुआ है।

– सेवा कार्य में भी अनूठी पहल

सांईराम युवक मंडल भक्ति के साथ-साथ सेवा कार्य भी उत्साह से करता है। हर साल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें 300 बोतल रक्त एकत्र होता है। इसके अलावा, 1000 से अधिक नोटबुक स्कूली बच्चों को वितरित की जाती हैं, जो सामाजिक सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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