सूरत में रविवार को दिखा शिवभक्ति का माहौल : पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब

सूरत। सूरत नगरी में आयोजित कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण का रविवार को चौथा दिन था। ऐसे आम दिनों के मुकाबले रविवार को कथा सुनने के लिए दुगनी संख्या में भक्त पंडाल में पहुंचे। अलग-अलग राज्यों समेत सूरत, गुजरात के भक्तों का सैलाब उमड़ा। जब पंडाल में जगह नहीं बची तो कई श्रद्धालु ऐसे थे, जो धूप में खड़े होकर कथा सुन रहे थे। डिंडोली खरवासा रोड पर वेदांता सिटी में चल रहे शिवमहापुराण कथा में व्यासपीठ से कथा का रसपान करवाते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिव को पाने के लिए आड़बर की जरूरत नहीं पड़ती। आप 12 ज्योतिलिंग नहीं गए चलेगा, लेकिन घर के पास के शिव मंदिर में जाकर जल चढ़ाना चाहिए, उससे उतना की लाभ होगा। आपकी शिव भक्ति सच्ची है, तो भोले आपकी झोली भर देता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेम में कितनी ताकत होती है इसके बारे में बताते हुए कहा कि सती मैया शिवजी से आज्ञा लेकर तप करने जाती है। सती तप में ली हो जाती है। शिवजी सती को खोजने निकलते है। सती माता के पास पहुंचते है तो उनके नेत्र बंद थे। लेकिन जैसे ही शिवजी डमरू बजाते है सती अपने नेत्र खोल देती है। आज संसार में सभी चीजों की कीमत बताई जा सकती है, लेकिन प्रेम की कीमत नहीं आकी जा सकती। जिस दिन प्रेम को कीमत से तोला जाएगा तो समझ लेना वह प्रेम श्रेष्ठ नहीं है। आज की आरती का कथा के मनोरथी सुनिल पाटिल, सम्राट पाटिल, संदीप पाटिल, रवि राजपूत, संदीप राजपूत सहित अग्रणियों ने लाभ लिया।

 

कन्यादान में संस्कार दें

कथा के दौरान आज की पीढ़ी में संस्कारों का सिंचन करना कितना जरूरी है इस पर बोलते हुए प्रदीप मिश्रा ने कहा कि धन, दौलत, वैभव सबकुछ बेटी को दो मना नहीं है। लेकिन सबसे जरूरी है बेटी को संस्कार देकर घर से विदा करें। जिस गांव पानी की कमी हो तो फसल बिगड़ जाती है और जिस घर में संस्कारों की कमी हो वहां नस्लें बिगड़ जाती है। कन्यादान में संस्कार देने चाहिए।

भजनों पर भक्तों ने खेला गरबा

कथा के दौरान एक से बढ़कर सुमधुर भजनों की बारिश ने भक्तों को भक्ति रूपी बारिश में भीगोया। जैसे ही व्यासपीठ से प्रदीप मिश्राजी ने सूरतीलालाओं को जगह पर ही गरबा खेलने का आहवान किया तो सभी भजनों की धून पर गरबा खेलने लगे।
ओ भोले तुझे पुकारा है, मेरी नैया का तू किनारा है।
धीमा बजाओ भोलेनाथ डमरू धीमा बजाओ
प्रेम जब अनंत हो गया, रोम- रोम संत हो गया।

जहां मिली जगह वहीं बैठे श्रद्धालु

सूरत के डिंडोली खरवासा रोड पर वेदांता सिटी में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया गया है। पंडाल में लाखों श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई। जिस श्रद्धालु को जहां जगह मिली, वह वहीं बैठकर कथा सुनने लगा।

श्रद्धालुओं के लिए बेहतर इंतजाम

कथा सुनने के लिए अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं सूरत पहुंचे है। समाजसेवियों ने श्रद्धालुओं के लिए खाने और पानी की व्यवस्था की है। जगह-जगह पर पीने के पानी का इंतजाम किया गया है। पूरे सड़क पर स्वयंसेवक तैनात रहते है। भोजन प्रसादी के लिए भी काउंटर लगाए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। यदि किसी श्रद्धालु की तबियत खराब होती है, तो उसके इलाज के लिए अलग-अलग जगहों पर मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाई गई है।

hinduPandit Pradeep MishraSamrat PatilShiv Mahapuran KathaSunil PatilSurat gujarat