कृत्रिम तालाबों से आसान हुई विसर्जन प्रक्रिया, इस बार 60 हजार से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन

रात 11 बजे तक चला कृत्रिम तालाबों पर विसर्जन

सूरत। गणेश विसर्जन के लिए मनपा का कृत्रिम तालाबों का उपाय कारगर साबित हो रहा है। इससे विसर्जन प्रक्रिया तो आसान हुई है। साथ ही शहरों के मार्गों पर होने वाले जाम की स्थिति से भी निजात मिली है। इस बार बनाए गए 21 कृत्रिम तालाबों में 60 हजार से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन। किया है।

सूरत शहर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार भी छोटी बड़ी मिलाकर 80 हजार से अधिक प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। गणेश विसर्जन के लिए मनपा की ओर से कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की गई थी। वहीं, बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन दरिया के तीन कृत्रिम घाटों पर किया गया। शहर के सभी नौ जोन में बनाए गए 21 कृत्रिम तालाबों में रात 11 बजे तक विसर्जन प्रक्रिया चली तो घाटों पर सुबह 6 बजे तक विसर्जन प्रक्रिया चलती रही। करीब 70 हजार से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान सबसे अच्छी बात यह रही कि कृत्रिम तालाबों के कारण विसर्जन प्रक्रिया आसान रही। लोगों को अपने ही क्षेत्र में विसर्जन के लिए जगह मिलने से सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को नहीं मिली और हादसे पर भी रोक लग गई।