सूरत के जाने- माने डेंटिस्ट डॉ. हेतल तमाकुवाला ने मलेशिया में आयोजित फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा किया

फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन में जहां समुद्र में 3.8 किमी तैरना, 180 किमी साइकिल चलाना और 42 किमी दौड़ना 16 घंटे में पूरा करना था, वहीं डॉ. हेतल ने तीनों टास्क को महज 15 घंटे 40 मिनट में पूरा कर आयरन मैन का खिताब पाने में सफल रहीं
डॉ. हेतल तमाकुवाला फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन पूरा करने वाली भारत की नौवीं और गुजरात की दूसरी महिला एथलीट हैं
पाल आरटीओ स्थित मारवेला बिजनेस हब में डॉ. हेतल’ज एडवांस्ड डेंटिस्ट्री नाम से क्लीनिक चलाने वाली डॉ. हेतल तमाकुवाला युवा पीढ़ी के लिए बनी प्रेरणा

सूरत: दुनिया भर में डायमंड और टेक्सटाइल सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर अब खेल के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है। शहर की कई खेल हस्तियां हैं जिन्होंने अपने ऊर्जावान प्रदर्शन से सूरत, गुजरात और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। ऐसी ही एक शख्सियत में शहर की जाने- माने डेंटीस्ट डॉ. हेतल तमाकुवाला भी अब शामिल हैं। डॉ. हेतल ने मलेशिया में आयोजित अति कठिन फुल आयरनमैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10वें स्थान हासिल कर सूरत, गुजरात और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुमान दिलाया। डॉ. हेतल फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन पूरा करने वाली भारत की नौवीं और गुजरात की दूसरी महिला एथलीट है और देश की पहली महिला दंत चिकित्सक हैं।
आयरनमैन डॉ. हेतल तमाकुवाला ने कहा कि दस साल पहले उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा करेंगी। इस क्षेत्र में अपनी यात्रा के बारे में डॉ. हेतल कहती हैं, दस साल पहले सूरत में हुई दो किलोमीटर की दौड़ में भाग लेना और रजत पदक जीतना इस सफलता ने मुझमें एथलेटिक होने के बीज बो दिए। तब से चिकित्सा पेशे के साथ एथलेटिक बनने के लक्ष्य के साथ कठोर अभ्यास शुरू किया। इसके लिए उन्होंने “रूल ऑफ 7” के सूत्र को अपनाया। यानी 7 घंटे क्लिनिकल प्रैक्टिस, 7 घंटे ट्रेनिंग और दिन में 7 घंटे की निंद। उन्होंने एसडीसीए लालभाई स्विमिंग पूल के साथ तापी नदी और कॉजवे में तैराकी अभ्यास किया, जबकि साइकिल अभ्यास के लिए सूरत से सापुतारा और सूरत से डांग का रूट और सूरत शहर के मार्गों का चयन किया। रनिंग और जिम में लगातार पसीना बहाया। इसी कठोर अभ्यास का ही परिणाम है कि मैं मलेशिया में आयोजित फुल आयरनमैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा कर पाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10वां स्थान हासिल कर आयरनमैन का खिताब हासिल कर सकी। डॉ. हेतल का कहना है कि यह सब करना और सफलता तक पहुंचना परिवार के समर्थन और कोच के मार्गदर्शन के बिना संभव नहीं था। मुझे शुरू से ही अपने पति डॉ. दीपक तमाकुवाला, पुत्र डॉ. ध्रुव और देवांश का नैतिक समर्थन, तैराकी कोच जिग्नेश सर और साइकिलिंग कोच तारक सर का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन मिलता रहा है। मलेशिया में हुए फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन में समुद्र में 3.8 किमी तैरना, उसके बाद 180 किमी साइकिल चलाना और फिर 42 किमी दौड़ना 16 घंटे में पूरा करना था, इन तीनों टास्क को मैंने 15 घंटे 40 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस सफलता के लिए परिवार और कोच के साथ ही विशाल साइकिल एजेंसी की भूमिका रही है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए मुझे ईइटली की कंपनी द्वारा विशेष सात किलो की कार्बन फाइबर की साइकिल मंगवाकर दी और आवश्यकता पड़ने पर हेलमेट, जूते सहित कोई भी उपकरण प्रदान किए। इसके साथ ही हमें सूरत महानगर पालिका और पुलिस विभाग का आभार व्यक्त करना नहीं भूलना चाहिए क्योंकि सूरत मनपा ने इतनी अच्छी सड़कों का निर्माण किया है कि साइकिल चलाने के अभ्यास में कोई बाधा नहीं आती और शहर में जब भी कोई कार्यक्रम या एथलेटिक अभ्यास होता है तो पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर और उनकी पुलिस टीम ने सुरक्षा प्रदान की है। साथ में सूरती रनर्स और साइकिलिस्ट ग्रुप और फ्रेंड्स हमेशा सहायक रहे हैं।
पांच महीने में पांच इवेंट पूरे किए
डॉ. हेतल ने मलेशिया में फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा करने के साथ ही पांच महीनों में पांच इवेंट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। ऐसा करने वाली वह सूरत की एकमात्र पुरुष या महिला एथलीट हैं। डॉ. हेतल ने 5 नवंबर, 2022 को मलेशिया में फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा किया और इससे पहले, 2 अक्टूबर, 2022 को कोल्हापुर में हाफ आयरन मैन ट्रायथलॉन पूरा किया और पहला पुरस्कार जीता। इसके बाद उन्होंने 13 नवंबर को गोवा में हाफ आयरन मैन ट्रायथलॉन पूरा किया और दूसरे स्थान पर रहीं। इसके बाद उन्होंने 1 जनवरी, 2023 को गुरु शिखर चैलेंज में भाग लिया, मेहसाणा से माउंट आबू तक 183 किमी साइकिल चलाकर गुरु शिखर तक पहुंची और पहली रैंक हासिल की। इसके बाद उन्होंने 25 फरवरी को कोणार्क में आयोजित फुल आयरन मैन ट्रायथलॉन पूरा किया। यहां एकमात्र एथलेटिक डॉ. हेतल थी, जिन्होंने यह इवेंट पूरा किया। यह सभी इवेंट लंबी दूरी की इवेंट थी। डॉ. हेतल ने न सिर्फ इवेंट को पूरा किया बल्कि जीत भी हासिल की।
पांच फ्रैक्चर के बाद भी जारी रहा अभ्यास
अभ्यास किसी भी एथलीट के लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। इस बात को भली- भांति समझने वाले डॉ. हेतल तमाकुवाला का अभ्यास के दौरान एक बार नहीं पांच बार एक्सीडेंट हुआ और उनकी हड्डियां टूट गईं, लेकिन वे ठीक हो गए और फिर से अभ्यास करना जारी रखा और उन्होंने बिना हिम्मत हारे लक्ष्य हासिल करने के लिए आगे बढ़ना जारी रखा।