
जब खेल भी बनें संस्कार का माध्यम – श्री रामधारा खेल महोत्सव की अनूठी पहल
श्रीराम मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट के सान्निध्य में एवं डॉ. सुभाष नंदवानी जी के मार्गदर्शन में
“श्री रामधारा” द्वारा आयोजित खेल महोत्सव भव्य और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत धर्मिक भावनाओं से ओतप्रोत रही —जहाँ बच्चों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया, राम नाम की माला जपी और सामूहिक आरती में भाग लिया। इसके पश्चात्, करीब 150 बच्चों ने विविध संस्कार आधारित खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। खेलों में बच्चों को न केवल आनंद मिला बल्कि, उनके धार्मिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों का भी विकास हुआ।
कार्यक्रम में 5 प्रमुख खेल जैसे संस्कारों का सफर, राम राम की पर्ची, स्टापू आयोजित किए गए, जिनके विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।इस आयोजन को सफल बनाने में श्री रामधारा की युवा “सेवा साथी” टीम ने अतुलनीय योगदान दिया।इन युवा साथियों ने अत्यंत लगन, अनुशासन और ऊर्जा के साथ सभी बच्चों का मार्गदर्शन किया और पूरे वातावरण को उत्साह और उमंग से भर दिया। बच्चों की मुस्कान और संतोष इस आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही।
बच्चों एवं अभिभावकों ने इस अद्भुत संयोजन की सराहना करते हुए “श्री रामधारा” की इस पहल को संस्कार और सेवा का अद्वितीय संगम बताया। इस पावन अवसर पर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश तनेजा जी, ट्रस्ट सचिव श्री गोपालकृष्ण नंदवानी जी तथा आयोजन के मुख्य प्रेरणास्त्रोत डॉ. सुभाष नंदवानी जी की उपस्थिति और आशीर्वाद ने पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह से भर दिया।
“श्री रामधारा” आने वाले समय में बच्चों के लिए और भी सांस्कृतिक, धार्मिक व प्रेरणात्मक गतिविधियाँ आयोजित करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि संस्कार • सेवा • श्रद्धा — यही है श्री रामधारा।